
होता है वो सिर्फ देखता रहता है। लेकिन वो एक्टिविटी कुछ नहीं होती। सिर्फ आदमी एकदम सोता रहता है। जैसे हम आम भाषा में कहें सो जाता है एक लंबे समय के लिए। ठीक है? तो लक्षण एक से 9 दिनों के बीच में क्लियर दिखाई देने लग जाएंगे। आपको पता चल जाएगा कि हां ये चीजें मुझे 10 दिन से हो रही है। तो इसका मतलब ये हो रहा है अब मेरे साथ। ठीक है? तो ये चीज आपको ध्यान रखनी है। उसके साथ-साथ अगर मैं बात करूं कि ये कैसे फैलता है तो उसका भी हमने देखा कि केरल के जो अस्पताल हैं वहां पे डॉक्टर्स ने वहां के जितने भी जानकार हैं उन्होंने यह बताया कि यह स्थिर और मीठे पानी में क्या हो रहा है? जनरेट हो रहा है। जैसे स्विमिंग पूल हो गया। सबसे ज्यादा ये वहीं से नाक के अंदर जा रहा है। कानों के अंदर भी से भी जा रहा है। तो ये रुके हुए पानी में और जो मीठा पानी है मतलब जो पीने योग्य पानी है उसमें खारे पानी में ये नहीं हो रहा है। तो ये बात भी ध्यान रखिएगा। ठीक है? तो इसी वजह से वहां पर कई सारे स्विमिंग पूल्स को बैन कर दिया गया है। और अभी तक अमीबा के जो इंसानों से इंसानों में फैलने के कोई भी सबूत नहीं मिले हैं। इसका मतलब यह ऐसा नहीं है कि मुझसे किसी और में फैल जाएगा। ऐसा कुछ भी नहीं है। बट ये जैसे पानी में हम लोग स्विमिंग पूल में उतरे तो स्विमिंग पूल के पानी में है। इस वजह से उस पूरे एरिया के लोगों को हो गया है। समझ में आ रहा है?भारत में जो पीएएम का पहला मामला है वो 1971 में मिला था और केरल में 2016 में भी ये सामने आया था। ठीक है? ये चीज भी ध्यान रखनी है। पिछले साल भी केरल में पीएएम के 36 मामले सामने आए थे। लेकिन इस बार ये बहुत बड़े लेवल पर है। तो इस वजह से ये ज्यादा फेमस हो गया है और ज्यादा हानिकारक होता जा रहा है क्योंकि ये बहुत बड़े एरिया में फैलता जा रहा है। अब ये पूरा का पूरा अगर हम मामला समझ गए हैं तो उसमें इलाज क्या है उसको भी देख लेते हैं। तो वैज्ञानिकों का ये कहना है कि अभी तक इस बीमारी का कोई भी प्रभावी इलाज नहीं खोजा गया है। फिलहाल जो डॉक्टर हैं वो कुछ दवाइयां दे रहे हैं। जैसे आपके सामने लिखी हैं जिनमें सबसे ज़्यादा फ़ेमस जो दवाई है एंजथ्रोमाइसिन आपने सुना होगा तो आपको वह दी जा रही है। है ना? डेक्सा मेथासोन दी जा रही है। ऐसी कुछ दवाइयां हैं जो वहां के डॉक्टर्स दे रहे हैं। लेकिन इसके लिए कोई भी प्रभावी दवाई अभी तक नहीं बनाई गई है। यह चीज आपको ध्यान रखनी है। अब यह जो अमीबा है उससे बचने का सीधा-सीधा एक ही तरीका है कि अभी आप लोग जब तक यह बारिश का मौसम है तब तक आप स्विमिंग पूल्स में ना जाएं। ऐसे पानी में ना जाएं। जहां पर आपको अमीबा के कुछ भी ऐसे संकेत दिखाई देते हैं। क्लियर है यह बात? तो उम्मीद करता हूं कि आप लोग इस पूरे टॉपिक को समझ पाए