Delhi: ‘Yamuna के पानी में जहर’, EC ने Kejriwal से मांगा सबूत

Delhi: ‘Yamuna के पानी में जहर’, EC ने Kejriwal से मांगा सबूत आयोग ने उन्हें 29 जनवरी की शम 8:00 बजे तक अपने आरोप को प्रमाणित करने को कहा है। अगर ऐसा नहीं है तो उनके वीरउद्ध भारतीय न्याय संहिता के साहित कड़ी करवाही की जायेगी। आयोग ने यह कदम भाजपा नेताओं और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित की शिकायत के बाद उठाया है। आइए जानते हैं की इसी यानी चुनाव आयोग में केजरीवाल को क्या-क्या कहा लेकिन उससे पहले यह जान लेटे हैं की भाजपा नेता ने केजरीवाल पर। मैं हूं।

भाजपा नेता ने आरोप लगाया है की दिल्ली की यमुना के पानी में हरियाणा द्वारा जहर मिलने का जो आरोप केजरीवाल और आप नेताओं ने लगाया है उन्हें ना सिर्फ झूठा और ब्रहमान है बालकी दिल्ली एवीएन हरियाणा के बीच आपसे संभव बिगड़ने का भी प्रयास है। भाजपा नेताओं में दावा किया है की शिवाल ने कोई सामूट प्रस्तउट नहीं किया है। आयोग ने आरोपों को बेहद गंभीर मना है और दिल्ली सरकर और दिल्ली जल बोर्ड से कहा है की जांच कराएं और अगर ऐसा है तो तटकाल सभी जरूरी कदम उठाएं। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मलए सितारामैन वन एवीएन पर्यवरण मंत्री भुपेंद्र यादव और हरियाणा की मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी साहित वरिष्ठ भाजपा नेताओं के प्रतिनिधि मंडल ने 28 जनवरी को चुनाव आयोग से मूलाकत की।

Delhi: ‘Yamuna के पानी में जहर’, EC ने Kejriwal से मांगा सबूत आम आदमी पार्टी नेताओं के आईएस हरकत को भारतीय न्याय संहिता की वीभिन्न आधारों आपदा प्रबंधन अधिनियम और आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लानघन बताते हुऎ भाषण प्रतिनिधि मंडल ने मांग राखी है की केजरीवाल को निर्देशित किया जाए की वाह अपना बयान वापस लेटे हुऎ। केजरीवाल के विरोध कानूनी करही की जाए उनके दिल्ली चुनाव प्रार में शामिल होने पर रोक लगाने के साथ ही आयोग मीडिया सर्टईफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमिटी के मध्यम से भ्रामक आरोपों के प्रसार पर रोक लगवाएं।

Delhi: ‘Yamuna के पानी में जहर’, EC ने Kejriwal से मांगा सबूत आम आदमी पार्टी नेताओं के आईएस हरकत को भारतीय न्याय संहिता की वीभिन्न आधारों आपदा प्रबंधन अधिनियम और आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लानघन बताते हुऎ भाषण प्रतिनिधि मंडल ने मांग राखी है की केजरीवाल को निर्देशित किया जाए की वाह अपना बयान वापस लेटे हुऎ। केजरीवाल के विरोध कानूनी करही की जाए उनके दिल्ली चुनाव प्रार में शामिल होने पर रोक लगाने के साथ ही आयोग मीडिया सर्टईफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमिटी के मध्यम से भ्रामक आरोपों के प्रसार पर रोक लगवाएं।.
यह कदम चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है और इससे भविष्य में समान व्यवहार की उम्मीद की जा सकती है।

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